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Biggest Stock Market Crashed is India

Biggest Stock Market Crashed is India भारत में सबसे बड़े शेयर बाजार क्रैश: एक विस्तृत विश्लेषण

भारत के शेयर बाजार में समय-समय पर बड़े उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। कुछ घटनाओं ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुँचाया और पूरे वित्तीय तंत्र को हिला कर रख दिया। इस लेख में, हम भारत के इतिहास में हुए पाँच सबसे बड़े स्टॉक मार्केट क्रैश का विश्लेषण करेंगे और समझेंगे कि इन घटनाओं का क्या प्रभाव पड़ा।

1. 1992 – 53% की गिरावट: हर्षद मेहता स्कैम (Harshed Mehata Scam 1992) Biggest Stock Market Crashed is India

क्या था हर्षद मेहता स्कैम?

  • 1992 में भारतीय शेयर बाजार को अब तक के सबसे बड़े घोटालों में से एक का सामना करना पड़ा, जिसे “हर्षद मेहता स्कैम” कहा जाता है। हर्षद मेहता, जो एक प्रसिद्ध स्टॉकब्रोकर (Stock Broker) थे, ने बैंकिंग प्रणाली की खामियों का लाभ उठाकर बाजार में जबरदस्त उछाल लाया। उन्होंने बैंकों से बिना किसी गारंटी के करोड़ों रुपये लिए और इन पैसों को शेयर बाजार में निवेश कर दिया। इस रणनीति ने कई शेयरों के दाम कृत्रिम रूप से बढ़ा दिए।

कैसे हुआ बाजार क्रैश?

  • जब इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ, तो निवेशकों में भारी घबराहट फैल गई।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य वित्तीय संस्थानों ने जब जांच शुरू की, तो बाजार में तेजी से बिकवाली शुरू हो गई।
  • बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में सेंसेक्स 53% तक गिर गया, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
  • सरकार (govt) को नए रेगुलेशन्स लाने पड़े, जिससे भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता बढ़ी।

प्रभाव क्या प्रभाव पड़ा इस Scam के बाद

  • हर्षद मेहता घोटाले ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली की कमजोरियों को उजागर किया।
  • SEBI (Securities and Exchange Board of India) के नियमों को और सख्त बनाया गया।
  • बाजार में भरोसा बहाल करने में सालों लग गए।

2. 2000 – 20% की गिरावट: डॉट कॉम बबल बर्स्ट

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डॉट कॉम बबल क्या था?

  • 1990 के दशक के अंत में इंटरनेट कंपनियों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। दुनियाभर के निवेशकों ने इंटरनेट कंपनियों में अंधाधुंध पैसा लगाना शुरू कर दिया। भारत में भी, कई टेक कंपनियों के शेयर अत्यधिक ऊँचाई पर पहुँच गए, जिससे “डॉट कॉम बबल” का निर्माण हुआ।

कैसे हुआ बाजार क्रैश?

  • अधिकतर इंटरनेट IT Compnay कंपनियों की वैल्यू वास्तविक लाभ के बजाय सिर्फ अटकलों पर आधारित थी।
  • जैसे ही कंपनियों के असली वित्तीय आंकड़े सामने आए, निवेशकों का भरोसा टूट गया।
  • बाजार में बड़ी बिकवाली हुई और सेंसेक्स लगभग 20% गिर गया।
  • भारत की आईटी कंपनियों को इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

प्रभाव क्या प्रभाव पड़ा इस Creashed के बाद

  • टेक कंपनियों में निवेशकों की रुचि कुछ समय के लिए घट गई।
  • वित्तीय संस्थानों ने अधिक सतर्क होकर निवेश करना शुरू किया।
  • स्टार्टअप्स के लिए निवेश जुटाना मुश्किल हो गया।

3. 2008 – 60% की गिरावट: वैश्विक वित्तीय संकट

वैश्विक वित्तीय संकट क्या था?

  • 2008 में अमेरिका में “सबप्राइम मॉर्गेज क्राइसिस” के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी आ गई। कई बड़े अमेरिकी बैंक दिवालिया हो गए, जिससे वैश्विक वित्तीय प्रणाली प्रभावित हुई। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा।

कैसे हुआ बाजार क्रैश?

  • विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया।
  • भारतीय कंपनियों की ग्रोथ धीमी हो गई, जिससे निवेशकों ने डर के कारण शेयर बेचना शुरू कर दिया।
  • BSE सेंसेक्स ने एक साल के अंदर 60% तक की गिरावट देखी।

प्रभाव क्या प्रभाव पड़ा इस Global Crises के बाद

  • कई कंपनियों ने छंटनी की, जिससे बेरोजगारी बढ़ी।
  • भारतीय बाजार को उबरने में लगभग 2 साल लगे।
  • सरकार ने आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया और नई नीतियाँ लागू कीं।

4. 2016 – 6% की गिरावट: नोटबंदी का असर

नोटबंदी क्या थी?

  • 8 नवंबर 2016 को भारत सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अवैध घोषित कर दिया। इसका उद्देश्य काले धन को खत्म करना और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना था।

कैसे हुआ बाजार क्रैश?

  • अचानक नकदी की कमी होने से उपभोक्ता खर्च में भारी गिरावट आई।
  • रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता वस्तुओं के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई।
  • सेंसेक्स एक महीने के अंदर लगभग 6% गिर गया।

प्रभाव क्या प्रभाव पड़ा इस Demonetazation Note Bandi के बाद

  • सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना और आर्थिक पैकेजों की घोषणा की।
  • डिजिटल और हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश बढ़ा।
  • बाजार ने 2021 तक फिर से नई ऊँचाइयों को छू लिया।

Note:-भारतीय शेयर बाजार में समय-समय पर भारी गिरावट देखने को मिली है, लेकिन हर बार बाजार ने वापसी भी की है। निवेशकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीख यह है कि दीर्घकालिक निवेश और धैर्य से ही बाजार में सफलता पाई जा सकती है। हर गिरावट के बाद, बाजार नई ऊँचाइयों को छूता है।

FAQs

1. क्या हर्षद मेहता स्कैम के बाद भारतीय बाजार में सुधार हुआ?

  • हाँ, SEBI ने कई कड़े नियम बनाए जिससे पारदर्शिता बढ़ी और बाजार में भरोसा लौटा।

2. 2008 के वित्तीय संकट से भारत को उबरने में कितना समय लगा?

  • भारतीय बाजार को पूरी तरह से रिकवर होने में लगभग 2 साल लगे।

3. क्या 2020 का COVID-19 क्रैश सबसे बड़ा था?

  • नहीं, 2008 का क्रैश ज्यादा बड़ा था, लेकिन 2020 में गिरावट तेजी से हुई।

4. क्या डॉट कॉम बबल के बाद टेक इंडस्ट्री को नुकसान हुआ?

  • अल्पकालिक रूप से हाँ, लेकिन कुछ सालों बाद टेक इंडस्ट्री ने फिर से तेजी पकड़ी।

5. क्या नोटबंदी के बाद बाजार ने रिकवरी की?

  • हाँ, कुछ महीनों बाद बाजार में स्थिरता आई और डिजिटल भुगतान में बढ़ोतरी हुई।

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